रांचीः मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने तंबाकू सेवन से होनेवाली स्वास्थ्य
संबंधी गंभीर हानि को गंभीरता से लिया है। उन्होंने तंबाकू की आदत को छुड़ाने के
साथ तंबाकू की लत ही नहीं लगे, इसपर बल दिया है। इसके लिए सभी निषेधात्मक उपाय
करने का निर्देश दिया है। इसे लेकर उन्होंने किशोर वय के लोगों को तंबाकू से
होनेवाली हानि से अवगत कराते हुए उन्हें जागरूक करने का निर्देश दिया। इसके लिए
स्कूलों में प्रार्थना के समय विद्यार्थियों को तंबाकू सेवन नहीं करने की शपथ
दिलाने को कहा। निर्देश दिया कि स्कूलों की सौ गज की परिधि को पीली लाइन से
रेखांकित कर हरहाल में तंबाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित करें। मुख्य सचिव
प्रोजेक्ट भवन सचिवालय स्थित अपने सभा कक्ष में स्टेट टोबैको कंट्रोल कोऑर्डिनेशन
कमिटी की दूसरी बैठक में तंबाकू निषेध के उपायों और उसके क्रियान्वयन की समीक्षा
कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने तंबाकू सेवन के कारगर निषेध के लिए सबसे पहले सरकारी
कर्मियों को लक्ष्य कर राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों को तंबाकू मुक्त क्षेत्र
बनाने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि राज्य मुख्यालय के प्रोजेक्ट भवन और नेपाल
हाउस सचिवालय क्षेत्र पहले से तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित हैं। मुख्य सचिव ने
तंबाकू निषेध को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए तंबाकू निषेध दिवस 31 मई को राज्य के
तमाम सरकारी कार्यालयों में एक तय समय पर कर्मियों को तंबाकू सेवन नहीं करने की
शपथ दिलाने का भी निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि तंबाकू से न सिर्फ
लोगों के स्वास्थ्य को क्षति पहुंच रही है, बल्कि उससे भारी आर्थिक क्षति भी हो
रही है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के एक सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि
2011 में देश में तंबाकू जनित रोगों के निदान में अनुमानतः 1 लाख, 4 हजार, 500
करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जो तब के हमारे जीडीपी का 1.16 फीसदी था। यह राशि
वित्तीय वर्ष 2011-12 में स्वास्थ्य के क्षेत्र में की गई केंद्र और राज्य सरकारों
के सम्मिलित खर्च से 12 प्रतिशत अधिक थी। मुख्य सचिव ने तंबाकू निषेध से जुड़े
विभागों के सचिवों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने विभाग के माध्यम से तंबाकू
निषेध जागरूकता कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करें। इसके लिए रांची के रॉक गार्डेन
में प्रति शनिवार व रविवार को पांच मई से शुरू होनेवाले म्युजिकल बैंड शो के दौरान
वहां आनेवाले लोगों के बीच तंबाकू निषेध के संदेशों को प्रचारित-प्रसारित करने का
निर्देश दिया। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों के सचिवों को नगर
विकास एवं आवास सचिव से समन्वय करने का भी निर्देश दिया।
उसके पहले स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने प्रजेंटेशन
के माध्यम से राज्य में तंबाकू सेवन से हो रही हानि और उसकी रोकथाम के लिए किए जा
रहे कार्यों को बताया। उन्होंने बताया कि झारखंड में 38.9 प्रतिशत व्यस्क आबादी
किसी ना किसी रूप में तंबाकू सेवन करती है, जो राष्ट्रीय औसत 28.9 प्रतिशत से काफी
अधिक है। वहीं उन्होंने तंबाकू निषेध से जुड़े तमाम विभागों की जिम्मेदारी को
रेखांकित किया। बैठक में सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी के
निदेशक ने मुख्य सचिव से पान मसाला और हुक्का बार को प्रतिबंधित करने की मांग रखी।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि इसके लिए स्पष्ट नियमावली बनाएं।
तंबाकू सेवन के ये हैं खतरे
विश्व में तंबाकू सेवन से मुंह के कैसर के सर्वाधिक रोगियों की संख्या भारत
में हैं। 90 फीसदी मुंह के कैंसर तंबाकू से होते हैं। इससे प्रतिवर्ष भारत में 12
लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। तंबाकू सेवन से होनेवाली हानि पर रिसर्च बताती
है कि इससे पुरुषों में नपुंसकता तथा महिलाओं में प्रजनन क्षमता में कमी या बांझपन
का खतरा रहता है। तंबाकू सेवन से रक्त संबंधी बीमारियां भी तेजी से बढ़ती हैं,
जिससे अधिकतर मौते दिल का दौरा पड़ने से होती है। सभी प्रकार के कैंसरों में
तंबाकू से जुड़े कैंसरों की संख्या 40 फीसदी है। पूरे विश्व में तंबाकू सेवन से
प्रतिवर्ष 54 लाख से अधिक लोग मौत की मुंह में चले जाते हैं।
- तंबाकू मुक्त राज्य बनाने के लिए किशोरों को करें जागरूकः मुख्य सचिव
- स्कूलों के सौ गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद की बिक्री को कड़ाई से रोकें
- राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों को तंबाकू निषेध क्षेत्र बनाएं

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