लोकसभा चुनाव शुरू होने के कुछ समय पहले ये चर्चा हो रही थी कि क्या इस बार का चुनाव खर्च अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव का रिकॉर्ड तोड़ेगा? क्योंकि, पिछले राष्ट्रपति चुनाव में वहां करीब 46 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस बार भारत के लिए यह अनुमान 55 से 60 हजार करोड़ रुपये तक का बताया जा रहा था, जो कि 2014 में खर्च हुए करीब 35 हजार करोड़ रुपये की लगभग दोगुनी है। 2019 का चुनाव खत्म होते-होते कुल कितना खर्च होगा, इसका सही आंकड़ा देना अभी मुश्किल है।
इतना तय है कि यह चुनाव वोटर्स को लुभाने पर उम्मीदवारों और पार्टियों द्वारा किए जाने वाले खर्चों में विश्व के अब तक के सभी चुनावों का रिकॉर्ड अभी ही तोड़ चुका है। पिछले महीने जब से चुनाव प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शुरू हुई, तब से लेकर मंगलवार तक चुनाव आयोग ने कुल 2,604.41 करोड़ रुपये मूल्य के कैश, ड्र्ग्स, शराब, सोना और बाकी चीजें जब्त की हैं।
चुनाव आयोग की कार्रवाई में जब्ती की कुल रकम के हिसाब से गुजरात सबसे अव्वल है। कुल 2,604.41 करोड़ रुपये मूल्य की बरामदगी में अकेले 543.38 करोड़ रुपये की कीमत के ड्र्ग्स,कैश और बाकी सामान गुजरात में ही पकड़े गए हैं। गुजरात में सबसे ज्यादा बरामदगी 128.86 किलो ड्रग्स के आधार पर बताई गई है, जिसकी कीमत 524.11 करोड़ रुपये है। इसके अलावा उसमें 7.57 करोड़ रुपये कैश, 3.6 लाख लीटर शराब,16.64 किलो सोने या अन्य बेशकीमती धातुओं की जेवरात के मूल्य भी शामिल हैं।
गुजरात के बाद तमिलनाडु में 510 करोड़ से ज्यादा, दिल्ली-398 करोड़ से ज्यादा, आंध्र प्रदेश- 216 करोड़ से ज्यादा, पंजाब- 207 करोड़ से ज्यादा, उत्तर प्रदेश- 166 करोड़ से ज्यादा और महाराष्ट्र 115 करोड़ से ज्यादा मूल्य के कैश और बाकी चीजें जब्त की गई हैं। इस तरह से देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में लाखों-करोड़ों रुपये के कैश या दूसरी चीजें जब्त हुई हैं।

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