अजय कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के समर्थकों के बीच झड़प - Ranchi Day

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8/01/2019

अजय कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के समर्थकों के बीच झड़प

अजय कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के समर्थक आपस में इस कदर भीड़ गए  और लात-घूंसे के बीच कांग्रेस मुख्यालय रणक्षेत्र में तब्दील

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के समर्थक आपस में इस कदर भीड़ गए  और लात-घूंसे के बीच कांग्रेस मुख्यालय रणक्षेत्र में तब्दील गया। गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार और वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय के समर्थकों के बीच झड़प हो गयी. दोनों गुट अपने नेता के नाम के साथ जिंदाबाद का नारा लगाते हुए आपस में भिड़ गये, जिसे शांत करने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ीं।

लाठीचार्ज में आधा दर्जन से अधिक कांग्रेसी घायल हुए हैं, जबकि एक मीडियाकर्मी भी घायल हुआ है। इस दौरान एक दिन पहले कांग्र्रेस के दो नेताओं को पार्टी से निष्कासित किए जाने के खिलाफ सहाय गुट के लोगों की ओर से पार्टी मुख्यालय पर बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन को भी प्रदेश अध्यक्ष की टीम ने विफल कर दिया। दोनों गुटों के नेताओं ने आपस में मारपीट तो की ही, एक-दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। 
वरीय नेता लगातार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। एक दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष को ही कांग्रेस कार्यालय में घुसने से रोक दिया गया था, वहीं इसके अगले दिन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने दो नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। 

गुरुवार को दूसरे गुट के लोग गोलबंद हुए तो कोल्हान और रांची से प्रदेश अध्यक्ष के समर्थक तीन दर्जन गाडिय़ों से कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। यहां पहले से निष्कासित नेता सुरेंद्र सिंह और राकेश सिन्हा प्रेस कांफ्रेंस करना चाहते थे। इन्हें प्रेस कांफ्रेंस करने से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के समर्थकों ने रोका और बाहर धकेल दिया। इसके बाद कार्यालय के बाहर सड़क पर हंगामा होने लगा। दोनों ओर से धक्का-मुक्की और मारपीट रोके नहीं रुकी तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। 

अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के खिलाफ बयानबाजी  jkhabar

अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कांग्रेस भवन से सुबोधकांत समर्थकों को खदेडऩे के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लड़ाई मुझसे नहीं है। लड़ाई इस बात की है कि खुद सांसद का चुनाव लड़ेंगे और भाई को हटिया से लड़ाएंगे, मेयर सीट पर भी कब्जा चाहिए। ददई दुबे का नाम लिए बगैर कहा कि खुद तो बोकारो से लडऩा चाहते हैं और बेटे को पलामू से टिकट चाहिए। प्रदीप बलमुचु के बारे में भी उन्होंने कहा कि खूंटी और सिंहभूम से खुद और बेटी के लिए इन्हें टिकट चाहिए। फुरकान अंसारी का नाम लिए बगैर कहा कि इन्हें खुद और बेटे के लिए गोड्डा और मधुपुर की सीट चाहिए। ऐसे नेता नए लोगों को आगे नहीं बढऩे दे सकते हैं लेकिन इस बार कांग्रेस नए चेहरों और युवाओं को टिकट देगी। परिवार को टिकट बांटना बंद होगा। 

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